
राज्य भर में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया के तहत मतदाता सूचियों का अद्यतन किया जा रहा है, लेकिन पटना में हो रही जनसुनवाई में मतदाताओं ने जो बयान दिए, वो इस प्रक्रिया की ज़मीनी सच्चाई बयां कर रहे हैं।
कटिहार की रुकमा देवी ने बताया कि उनसे फॉर्म भरवाने के लिए ₹100 मांगे गए, और पैसे ना होने पर आंगनबाड़ी सेविका के पति ने कर्ज़ लेकर भरवाने की सलाह दी। यह स्थिति बताती है कि मतदाता अधिकार को ‘सेवा’ की तरह बेचने का प्रयास किया जा रहा है।
सूचना और प्रचार का अभाव – ‘लोगों को पता ही नहीं चल रहा’
गया के शिक्षा कार्यकर्ता जगत भूषण ने कहा कि चुनाव आयोग की इस गहन प्रक्रिया की कोई जनसूचना या प्रचार नहीं किया जा रहा। न तो गाँवों में इसका एलान हुआ, न ही बैनर-पोस्टर या डिजिटल सूचना माध्यम सक्रिय हैं। जिससे लाखों मतदाताओं को अब तक प्रक्रिया की जानकारी ही नहीं मिल सकी है।
‘माँ-बाप नहीं रहे, तो कागज़ कहाँ से लाएं?’ – पटना की रूबी देवी की व्यथा
पटना की रूबी देवी, जब गवाही देने पहुंचीं, तो भावुक हो गईं। उन्होंने कहा:
“हमारे माता-पिता अब नहीं हैं, हम कहां से उनके दस्तावेज लाएं?”
यह सवाल अकेले रूबी का नहीं, बल्कि उन हज़ारों लोगों का है जो आधार, निवास या परिवार प्रमाण-पत्र जैसी ज़रूरी चीजें न होने की वजह से मतदाता सूची से बाहर रह सकते हैं।
जनसुनवाई में मौजूद रहे देश के प्रमुख सामाजिक चेहरे
इस जनसुनवाई में कई प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता और बुद्धिजीवी शामिल हुए—जिनमें ज्यां द्रेज़, भंवर मेघवंशी, नंदिनी सुंदर, डीएम दिवाकर, वजाहत हबीबुल्लाह (पूर्व सूचना आयुक्त) और पूर्व न्यायधीश अंजना प्रकाश प्रमुख थे।
इन सभी ने मतदाताओं की बात को गंभीरता से सुना और चुनाव आयोग से सुधारात्मक कदम उठाने की अपील की।
कौन-कौन से संगठन थे शामिल?
इस पहल को जन जागरण शक्ति संगठन, NAPM, भारत जोड़ो अभियान, और कोसी नव निर्माण मंच जैसे संगठनों ने मिलकर आयोजित किया था। इनका उद्देश्य था कि लोकतंत्र के सबसे बुनियादी अधिकार—मताधिकार—की प्रक्रिया में पारदर्शिता, समावेश और संवेदनशीलता लाई जा सके।
बिहार में SIR प्रक्रिया भले ही वोटर लिस्ट को शुद्ध करने के उद्देश्य से शुरू की गई हो, लेकिन जमीन पर यह कई नागरिकों के लिए भेदभाव, भ्रष्टाचार और असहायता का अनुभव बन चुकी है। पटना की यह जनसुनवाई दिखाती है कि डिजिटल इंडिया और लोकशाही के बीच एक गहरी खाई अब भी बाकी है।
कन्नौज हादसा, सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी, अमरनाथ यात्रा अपडेट- गरमाया देश